Show notes
अक्ल बेचने वाले का पहले तो बहुत मखौल उड़ाया गया। किसी को उससे छटांक-भर अक्ल नहीं ख़रीदनी थी, लेकिन फिर एक सेठ के बेटे ने एक पैसे का सौदा किया और दुकान चल निकली। क्या सचमुच अक्ल ख़रीदी या बेची जा सकती है? बच्चों को सुनाइए यह रोचक लोक कथा |अक़्ल का सौदागर